सोमवार को हरतालिका तीज

सोमवार को महिलाएं करेंगी हरतालिका तीज व्रत:  पति की सेहत और सौभाग्य की कामना से महिलाएं करती हैं देवी पार्वती और  शिव जी की पूजा

हरतालिका तीज: एक पारंपरिक पर्व

सोमवार, 18 सितंबर को हरतालिका तीज का आगाज हो रहा है। इस पर्व में महिलाएं करती हैं विशेष व्रत और पूजा, जिससे पति की सेहत और  सौभाग्य की कामना  की जाती है।

हरतालिका तीज का महत्व

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत का पालन किया जाता है। इसे माना जाता है कि इस व्रत से महिलाएं पति के लिए अच्छी  सेहत, भाग्य, और  सफलता की कामना  करती हैं।

हरतालिका तीज व्रत का आयोजन

इस व्रत में महिलाएं दिनभर निराहार रहकर व्रत करती हैं, और कुछ महिलाएं तो पानी भी नहीं पीती हैं। व्रत के दौरान पूजा, मंत्र जप, ध्यान, और  भजन-कीर्तन किया  जाता है।

व्रत का समापन

हरतालिका तीज के बाद, महिलाएं अगले दिन स्नान के बाद दान-पुण्य करती हैं, पूजा करती हैं, और फिर भोजन करती हैं, जिससे व्रत पूरा होता है।

हरतालिका तीज की कथा

इस पर्व की कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने इस व्रत से शिव जी को पति बनाने की इच्छा से कठोर तप किया था, और उन्होंने अपनी मनोकामना पूरी की थी।

हरतालिका तीज पर शुभ काम

इस दिन पांच पहर में पूजा-अर्चना की जाती है, और फिर शिव, पार्वती, और गणेश की पूजा की जाती है। दान-पुण्य के बाद, महिलाएं अन्न-जल  ग्रहण करती हैं।

सुहागिन महिलाओं के लिए दान

हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाओं को सुहाग का सामान जैसे चूड़ियां, साड़ी, कुमकुम, ज्वेलरी, मेहंदी आदि दान करना शुभ माना जाता है।

देवी मंदिरों का दर्शन

पौराणिक महत्व वाले देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन करने का भी महत्व है। देशभर में देवी के 51 शक्तिपीठ हैं, जिनमें से किसी मंदिर में पूजा की जा सकती है।

भगवान शिव और गणेश के लिए अनुष्ठान

इस पर्व पर, शिवलिंग का जलाभिषेक, बिल्व पत्र चढ़ाना, चंदन का लेप, हार-फूल से श्रृंगार करना, धूप-दीप जलाना, और मिठाई का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है।  गणेश जी को दूर्वा  चढ़ाना और मोदक का  भोग लगाना भी  जरूरी है।

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